VibzContentCart wishes everyone a very Happy Republic Day!
वीरांगना की आवाज़
हम क्या शिकवा करे, क्या मन्नत करें उनसे
जो किसी और पर मर मिटे है
वह सर्दी और धुप को ओढ़ते है
यहाँ हम सालो के इंतज़ार सेकते है।
होली दिवाली सब चिठ्ठी-तारी में मनाई,
अंगना अब थक गए है मेरे
बिछोना सूनेपन का शाम सवेरे
न थकूँगी पर मैं. ......... क्यूंकि;
उस अंगने में आशा की लौ जलाई है।
वोह केहते है की एक दिन ज़रूर आऊंगा,
औरो की तरह तुम्हे शहर दिखाऊंगा।
जानते है की ये बस कहने की बात है
किसी की सेवा में वह दिन रात समर्पित है।
शिकवा नहीं पर उनपर नाज़ है मुझे,
जो उनकी सेवा छोड़ दे, ऐतराज़ है मुझे
तुम दुश्मनो को धुल छठा के आना,
अपने पहले प्यार का फ़र्ज़ निभाना।
अंगना फिर भी गूंजेगा तुम्हारी ललकार से
स्वागत होगा तुम्हारा विजयी फनकार से
सर उठा के घूमेगी ये वीरांगना, देखेगी नज़ारे
भर जाएंगे सारे ज़ख्म मेरे।।